ग्रेटर नोएडा स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपांकर वत्स ने हार्ट डिजीज से बचाव व इसके इलाज के बारे में डिटेल में समझाया है।
दरअसल हार्ट शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और इसका एक अहम रोल है। यह धमनियों के माध्यम से ऑक्सीजन युक्त ब्लड को पंप करता है और नसों के माध्यम से डी-ऑक्सीजन युक्त ब्लड प्राप्त करता है। हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल जैसी वजहों से हार्ट को ब्लड सर्कुलेशन बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। जब भी किसी वजह से दिल को ज्यादा कोशिश करनी पड़ती है तो धीरे-धीरे हार्ट की ताकत कम हो जाती है और हार्ट डिजीज होने का खतरा रहता है।
हार्ट डिजीज भारत में सबसे घातक बीमारियों में से एक है, जो देश में होने वाली कुल मौतों में से लगभग एक-चौथाई है।कोविड महामारी के बाद से, हार्ट डिजीज के कारण इसके केस और मृत्यु दर को नजरअंदाज किया गया है। ज्यादातर मामलों में बीमारी को रोका जा सकता है बावजूद इसके मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।
हार्ट की बीमारी बुजुर्ग आबादी को होती ही है. साथ ही खराब लाइफस्टाइल, तनावपूर्ण लाइफ मिडिल एज लोगों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) को बढ़ावा दे रही है. बहुत से लोग लक्षणों से अवेयर नहीं होते हैं, जिसके चलते बीमारी वक्त पर डायग्नोज नहीं हो पाती है. इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित परीक्षण करवाएं, खासकर अगर किसी को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और हार्ट से जुड़ी समस्याएं हों तो मुश्किल हार्ट डिजीज के लिए एडवांस ट्रीटमेंट मॉड्यूल की मदद से बेहतर परिणाम आए हैं और क्वालिटी ऑफ लाइफ में भी सुधार हुआ है।
हर हार्ट मरीज के लक्षण एक जैसे नहीं होते. एंजिनल छाती का दर्द इसका सबसे आम लक्षण है. लक्षण शून्य से गंभीर तक हो सकते हैं. कुछ लोगों में अपच के समान हल्का, असहज महसूस होता है. किसी को भारीपन या जकड़न महसूस होती है, खास तौर पर चेस्ट के बीच में और फिर ये बाहों, गर्दन, जबड़े, पीठ या पेट तक फैल सकती है. सांस फूलने लगती है।
सभी के लिए हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है. क्योंकि सही वक्त पर रोग की पहचान होने के बाद जल्दी ट्रीटमेंट शुरू हो जाता है और उसके बेहतर रिजल्ट आते हैं. अगर सीने में भारीपन हो, असहजता हो, और सांस लेने में दिक्कत हो तो जरूरी है कि डॉक्टर को दिखाएं।
हाई ब्लड प्रेशर हार्ट डिजीज को काफी बढ़ाता है, जिससे हार्ट फेल और प्री-मैच्योर डेथ होती हैं. साथ ही डिसेबिलिटी भी हो जाती है. हालांकि, फल, सब्जियां, मछली, पोल्ट्री, नट्स ग्राम और डेयरी उत्पाद को अपनी डाइट में शामिल करके नॉर्मल ब्लड प्रेशर बनाए रखा जा सकता है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन सी, हल्दी, आंवला, तुलसी, सब्जियां, सलाद और फल खाने चाहिए. इसके अलावा वॉक करें और उसके साथ बेसिक बॉडी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें. हर रोज कम से कम आधा घंटा योग व मेडिटेशन भी करें।
हार्ट फेल को रोकने का एकमात्र और आसान तरीका मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ावा देने वाली लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतों से बचना है। हार्ट फेल या कार्डियो वैस्कुलर डिजीज से पता चलता है कि आपका दिल उतना स्वस्थ नहीं है जितना होना चाहिए. इसलिए हार्ट के बेहतर कामकाज के लिए आपको इसकी देखभाल करनी चाहिए। भारत समेत ज्यादातर देशों में हार्ट डिजीज नंबर 1 किलर है। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि स्वस्थ जीवनशैली से हम इसे रोक सकते हैं।
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