Tuesday, February 27, 2024

कैंसर के इलाज में रामबाण साबित हो रही रेडिएशन थेरेपी

कैंसर के इलाज में रामबाण साबित हो रही रेडिएशन थेरेपी

रेवाड़ी। कैंसर मरीजों के इलाज में रेडिएशन थेरेपी एक अहम टूल होता है । इसी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के डॉक्टरों ने रेडिएशन थेरेपी के फायदों के बारे में लोगों को अवेयर किया और बताया कि कैंसर के खिलाफ जंग में ये कितना अहम है। स्वस्थ कोशिकाओं में तेजी से बदलाव आने के कारण कैंसर की अनियंत्रित वृद्धि होती है। रेडिएशन थेरेपी इस वृद्धि पर रोक लगाने का काम करती है। इसमें कैंसर कोशिकाओं के डीएनए को डैमेज किया जाता है, उनकी ग्रोथ को रोका जाता है या उन्हें नष्ट कर दिया जाता है।


फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की डायरेक्टर डॉक्टर स्वरूपा मित्रा ने रेडिएशन थेरेपी के दोहरे नेचर के फायदों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि क्यूरेटिव फॉर्म में रेडिएशन थेरेपी कैंसर को उसकी शुरूआती स्टेज में कमजोर करने का काम करती है।


रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल अन्य इलाज जैसे सर्जरी या बची हुई कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किए जाने वाले फॉलोअप से पहले एक एहतियाती स्टेप के रूप में भी किया जाता है। एडवांस केस में पैलिएटिव रेडिएशन थेरेपी लक्षणों से राहत देने में काम आती है और इससे मरीज की क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार आता है। मॉडर्न रेडिएशन थेरेपी में टारगेटेड और इमेज - गाइडेड अप्रोच का इस्तेमाल किया जाता है जो मरीज और उनके परिजनों दोनों के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसके टेम्पोरेरी साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं लेकिन रिस्क से कहीं ज्यादा इस इलाज से होने वाले फायदे हैं।


 रेडिएशन थेरेपी एक्सटर्नल - बीम रेडिएशन थेरेपी (ईबीआरटी) मेथड से की जाती है जिसमें शरीर के बाहर से रेडिएशन को देखने के लिए लीनियर एक्सीलरेटर का इस्तेमाल किया जाता है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मदद से बीम के साइज और शेप को कंट्रोल किया जाता है, इसमें मुख्य रूप से ट्यूमर को टारगेट किया जाता है जबकि स्वस्थ टिशू को सुरक्षित रखा जाता है। विकल्प के तौर पर, इंटरनल रेडिएशन थेरेपी या ब्रेकीथेरेपी भी की जाती है जिसमें कैंसर या उसके आसपास के हिस्से में रेडियोएक्टिव मैटेरियल लगाया जाता है। कई बार इसके लिए अस्पताल में भी भर्ती रहना पड़ता है। डॉक्टर मित्रा ने आगे कहा कि रेडिएशन थेरेपी का खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस अस्पताल में करा रहे हैं, किस तकनीक से करा रहे हैं और इलाज में किस तरह की टेक्नोलॉजी और मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है ।


इसके खर्च को देखने के साथ ही इस बात पर भी जरूर गौर करें कि ये थेरेपी जान बचाती है। इसमें स्पेशलाइज्ड कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सिमुलेशन के दौरान किए गए स्कैन का मूल्यांकन किया जाता है। सॉफ्टवेयर की मदद से इलाज वाली जगह और उसके आसपास की जगह की तस्वीर मिलती है और कंप्यूटराइज्ड प्लान के जरिए ट्यूमर को हिट करने वाली डोज दी जाती है और ये ख्याल रखा जाता है कि ट्यूमर के आसपास के टिशू को नुकसान न पहुंचे।


कैंसर के मरीज फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में रेडिएशन थेरेपी का एक बेहतर अनुभव पा सकते हैं। यहां के रेडिएशन टेक्नोलॉजिस्ट मरीजों को कंफर्ट फील कराते हैं और जब मशीन से थेरेपी दी जाती है तब वो इस प्रक्रिया को न देख पाते हैं और अनुभव कर पाते हैं। ये इलाज करीब 10-20 मिनट चलता है और इस दौरान टेक्नोलॉजिस्ट इंटरकॉम की मदद से मरीज को मॉनिटर करते हैं, उसे सपोर्ट और एश्योरेंस देते हैं।

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