लुधियाना : हार्ट से जुड़े मामलों में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी एक बेस्ट और लास्ट विकल्प रहता है. इस तरह की सर्जरी रोबोट की मदद से की जाती हैं, जिसके चलते कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति आ गई है और मुश्किल से मुश्किल केस आसानी से सॉल्व हो रहे हैं. हालांकि, एक तथ्य ये भी है कि कार्डियक सर्जरी चाहे परंपरागत तरीके से की जाए या मिनिमली इनवेसिव, रोबोट असिस्टेड की जाए, ये अन्य सर्जरी से ज्यादा सुरक्षित रहती है.
कार्डियक सर्जरी की जब भी बात आती है तो दिमाग में पहला ख्याल बड़े कट का आता है. लोगों के मन में ये डर रहता है कि सर्जरी के बाद उनका मरीज क्या फिर से नॉर्मल हो पाएगा या नहीं. क्योंकि हार्ट से जुड़े मामलों की जटिलता और सर्जरी में लगाए जाने वाले कट की वजह से लोगों के मन में एक तरह का डर रहता है.
गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियो थोरैसिक वैस्कुलर सर्जरी (अडल्ट/पीडिएट्रिक) के डायरेक्टर एंड हेड डॉक्टर उदगीथ धीर ने इस बारे में बताया, ‘’भले ही मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी हमेशा हर मरीज के लिए सही नहीं होती है, लेकिन हमारे पास स्पेशल गाइडलाइंस हैं, जिससे हमें सर्जरी के लिए मरीजों का चयन करने में मदद मिलती है. हम जब सर्जरी का फैसला करते हैं तो उसमें मुख्य रूप से मरीज की आदत, दूसरी बीमारियां, बीमारी की जटिलता, हार्ट की फंक्शनिंग और सर्जरी की प्रक्रिया का आकलन करते हैं. अंतत: हमारा मकसद मरीज की सेहत और सुरक्षित तरीके से सर्जरी को पूरा करना रहता है. हम रोबोट की मदद से मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के तहत कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी, वाल्व रिप्लेसमेंट और वाल्व रिपेयर, जन्मजात हार्ट होल सर्जरी, हार्ट ट्यूमर सर्जरी और एरिथमिया सर्जरी की जाती है.’’
कुछ लोगों को ये कंफ्यूजन भी रहता है कि रोबोटिक सर्जरी पूरी तरह से रोबोट द्वारा की जाती है, जबकि सच्चाई ये है कि इस तरह की सर्जरी में रोबोट की मदद ली जाती है. इससे फायदा ये होता है कि कट एकदम सही जगह लगता है, खून का बहाव ज्यादा नहीं होता, मरीज की रिकवरी जल्द हो जाती है, दर्द कम रहता है. सर्जरी का पूरा कंट्रोल सर्जन डॉक्टर के पास रहता है, जो रोबोट के हाथों की मदद से अपना काम अंजाम देते हैं. रोबोट असिस्टेड सर्जरी से किसी भी तरह का रिस्क नहीं रहता है जो परंपरागत सर्जरी में अक्सर हो जाता है. यानी इस तरह की सर्जरी 100 फीसदी सुरक्षित रहती है.
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